"'समाज और संसार में दया ही श्रेष्ठ धर्म है।' अगर अपने से दीन-हीन, असहाय, अभावग्रस्त, आश्रित, वृद्ध, विकलांग, जरूरतमंद व्यक्ति पर दया दिखाते हुए उसकी सेवा और सहायता न की जाए, तो समाज भला कैसे उन्नति करेगा? सच तो यह है कि सेवा ही असल में मानव जीवन का सौंदर्य और शृंगार है। सेवा न केवल मानव जीवन की शोभा है, अपितु यह भगवान की सच्ची पूजा भी है।"
ट्रस्ट की भविष्य के लिए गतिविधियाँ
अब तक की चुनौतियों के निस्तारण के ठोस उपायों को तैयार रखना
युवाओं को आगे लाना व नये ट्रस्टियों को सम्मिलित करना
ट्रस्ट के लिये धन जुटाना
ट्रस्ट द्वारा हर मद में आंवटित राशि का समय पर पूरा खर्च सुनिश्चित करने का उद्देश्य पालन
प्राइवेट व कारपोरेट संस्थाओं से सीएसआर के मद से ट्रस्ट के लिए फंड जुटाने का प्रयास करना
वर्तमान में चयनित कार्यों को बढ़ावा देना
नये कार्यों को अपनाना
पहाड़ी क्षेत्र में जीवन यापन के लिए उपेक्षितों, स्व रोजगार के लिए संघर्षरत व महिला सशक्तीकरण के लिए नये कदम उठाना
उत्तराखण्ड की मूलतः पारम्परिक कार्यकलापों का संरक्षण व प्रसार
प्राथमिकता पर प्रत्येक पहाड़ी ज़िलों के ब्लॉक में सीधे पहुँचे व वहॉ इच्छुक कार्यकर्ताओं को अपना प्रतिनिधि बनायें
अप्रत्याशित त्रासदी में ट्रस्ट एकदम कैसे मदद के लिये हरकत करे, रूपरेखा बनाना
ज्वलंत मुद्दों पर ध्यानाकर्षण व हर वर्ष कम से कम एक प्रमुख विषय को लेकर लगातार राज्य सरकार को सजग करना
अपने लाभार्थियों, लाभित संस्थानों एवं अन्य कार्यक्रमों में प्रचार द्वारा पहुंच और बढ़ा सकते हैं
पलायन के कारणों पर रोकथाम के लिए आवश्यक कदम लिये जाएगें
सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने में मददगार बनें