परिवारिक सहायता
आज के समय में, मनुष्य ने अपने जीवन को पूरी तरह से प्राथमिकता दी है और दुख की बात है। कि यह सिर्फ उसके और उसकी जरूरतों और लालच के चारों ओर घूमता है। वह सिर्फ खुद को सुरक्षित, आरामदायक और खुश बनाना चाहता है। एक आदमी केवल तभी इंसान बन सकता जब वह दूसरों को सुरक्षित, आरामदायक और खुश बनाने की कोशिश करता है। जब वह अपने आत्म-केंद्रित कोकून से बाहर आता है और दूसरों की सेवा करने के लिए आगे बढ़ता है। मानवता की सेवा करना ईश्वर की सेवा करना है, समाज सेवा वह है जो किसी की आत्मा को गले लगाती है। समाज सेवा के लिए वहां कई अवसर हैं; क्योंकि संसार विपत्तियों, कष्टों, गरीबी और रोगों से भरा हुआ है। पतित, लाचार और दुखी व्यक्ति का उदय करना ही समाज सेवा है। समाज सेवा वह छोटे बड़े कृत है जो अंधेरे जीवन में रोशनी लाते हैं। इस भावना को ही लेकर उत्तराखंड सतरुद्र ट्रस्ट राज्य के पहाड़ी जिलों के दूरदराज के गांवों के अति निर्धन परिवारों की मदद कर रहा है। मासिक सहायता सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जाती है।